Virtual RAM क्या होता है? स्मार्टफोन में वर्चुअल रैम कैसे काम करता है?

Virtual RAM क्या होता है

अभी पिछले कुछ महीनो से कुछ ऐसे फोन लांच किया जा रहे है जिनमे Virtual Ram की सुविधा दी जा रही है. Virtual RAM को Dynamic RAM expansion, Extended RAM, RAM Booster का भी नाम मोबाइल कंपनियों द्वारा दिया जा रहा है. आज के समय में जब भी कोई फोन या लैपटॉप लेता है तो रैम के बारे में जरुर बात करता है. लेकिन Virtual RAM बहुत से लोगो के लिए एक नया शब्द है. आज हम यही जानेंगे कि Virtual RAM क्या होता है और वर्चुअल रैम कैसे काम करता है और Virtual RAM की जरुरत क्यों पड़ी?

 Virtual RAM क्या होता है-What is Virtual RAM

वर्चुअल रैम से पहले हम रैम को समझने की कोशिश करेंगे. रैम (Random-access memory) एक volatile (परिवर्तन शील) मेमोरी है मतलब जब तक पावर on है तब तक ये डाटा को स्टोर करता है. जैसे पावर ऑफ हुआ सारे ऐप भी बंद हो जाते है. रैम किसी भी अन्य मेमोरी से तेज होती है.

जब आप फोन में कोई ऐप ओपन करते है तो ये एक प्रोसेस (प्रक्रिया) कहलाता है इसी तरह बहुत से ऐप्स खोलने पर बहुत सी प्रोसेस शुरू हो जाते है. ये सारे प्रोसेस रैम में स्टोर होकर बैकग्राउंड में चलते रहते है. और आप रैम में ऐप्स को बिना किसी लैग के जल्दी लोड कर पाते है. रैम की मेमोरी जब ज्यादा ऐप्स खोलने से फुल हो जाती है तो नया ऐप खोलने पर पुराने या कम कम प्राथमिकता वाले को रैम बंद कर देता है.

ऐसे ही केस में हमारे फिजिकल रैम को सपोर्ट करने के लिए वर्चुअल रैम की एंट्री होती है. वर्चुअल रैम फोन के इंटरनल स्टोरेज के कुछ हिस्से को अस्थायी रैम के रूप में यूज करता है. वर्चुअल रैम को हिंदी में आभासी रैम कहते है. हमें जो भी एक्स्ट्रा रैम मिलती वो आपके फोन में भौतिक रूप से मौजूद नहीं होती है.

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अब इसे उदाहरण से समझते है. जैसे Vivo X60 का फीचर देखेंगे तो वहा पर 12GB+3GB रैम लिखा है और इंटरनल स्टोरेज 256 GB है. मतलब 12 GB आपकी फिजिकल रैम है और 3 GB वर्चुअल रैम है. आपका फोन जरुरत पड़ने पर 12 GB रैम को 3 GB वर्चुअल रैम से बढ़ाकर कुल 15 GB रैम कर लेगा. लेकिन ये तभी होगा जब आपने इंटरनल स्टोरेज में 3 GB खाली होगा. इस तरह कुल रैम होगा 15 GB और इंटरनल स्टोरेज होगा 256-3=253 GB 

Virtual Ram meaning in Hindi

वर्चुअल रैम को हिंदी में आभासी रैम कहते है.

Virtual Ram कैसे काम करता है

Virtual RAM आपके फोन के इंटरनल स्टोरेज के एक हिस्से को ऐप्स के फाइल्स को स्टोर करने के लिए रिजर्व करके रखती है और उस हिस्से को जरुरत पड़ने पर Additional RAM के तरह यूज करती है.

स्मार्टफोन में जब आप बहुत से ऐप ओपन करके RAM का पूरी तरह से उपयोग करते है तब Virtual RAM सक्रिय होकर कुछ कम प्राथमिकता या पुराने ऐप्स की फाइल्स को रिजर्व इंटरनल स्टोरेज में भेज देता है जिससे स्मार्टफोन के Physical RAM में कुछ स्पेस खाली हो और फिजिकल रैम और ऐप्स को लोड कर सके. और जैसे ही आप पुराने ऐप में वापस जाते है तो फोन उन इंटरनल स्टोरेज में सेव फाइल को फिर से फिजिकल रैम में वापस भेज देता है और आप उस ऐप को फिर से यूज कर पाते है.

आज स्मार्टफोन पावर फुल प्रोसेसर के साथ आ रहे है और स्मार्टफोन से बहुत से काम लिए जा रहे है जैसे फोटो या डॉक्यूमेंट एडिट करना, ऐप्स से पढ़ाई करना, मूवी देखना, हैवी गेम खेलना आदि. इस तरह के मल्टी टास्किंग के लिए रैम कम पड़ जाती है. इसी को ध्यान में रखकर कुछ मोबाइल कंपनी ग्राहकों को Virtual RAM का विकल्प देने लगी है. हैवी गेम खेलने वालो के लिए Virtual RAM काफी मदद कर सकता है. Virtual RAM के लिए आपको कुछ करने की जरुरत नहीं है. आपका मोबाइल में मौजूद एंड्राइड OS अपने आप जरुरत पड़ने पर Virtual RAM को एक्टिवेट कर देता है.

Virtual memory advantages and disadvantages in Hindi

वर्चुअल रैम के फायदे | Virtual RAM/Memory advantages

  • यह आपको एक साथ अधिक एप्लिकेशन चलाने की अनुमति देता है।
  • वर्चुअल रैम से कम प्राइस में ज्यादा रैम वाले मोबाइल मिल जाते है.
  • फिजिकल रैम पर ज्यादा पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं होती है.
  • वर्चुअल रैम Heavy games और मल्टी टास्किंग के लिए अच्छा हो सकता है.
  • यह एक मल्टीप्रोग्रामिंग वातावरण को लागू करने में बहुत मददगार है।
  • डेटा को स्वचालित रूप से स्थानांतरित किया जा सकता है।
  • ये एक सॉफ्टवेर फीचर होता है जो फोन को अपडेट करने से भी हो सकता है.

वर्चुअल रैम के नुकसान | Virtual RAM disadvantages

  • यदि सिस्टम वर्चुअल मेमोरी का उपयोग कर रहा है तो Applications धीमे चल सकते हैं।
  • Applications के बीच स्विच करने में अधिक समय लगने की संभावना होती है।
  • फ़ोन की इंटरनल मेमोरी कुछ भाग को रिज़र्व करके वर्चुअल मेमोरी बनती है. इसलिए आपके उपयोग के लिए इंटरनल मेमोरी कम हो जाती है.
  • यह system stability को कम करता है।
  • यह बड़े Applications को सिस्टम में चलाने की अनुमति देता है जो उन्हें चलाने के लिए अकेले पर्याप्त physical RAM की पेशकश नहीं करते हैं। इससे फ़ोन धीमा हो जाता है.
  • यह रैम के समान परफोर्मेंस नहीं देता है।
  • वर्चुअल रैम तभी काम करता है जब आपके फ़ोन मेमोरी में स्पेस हो फ़ोन मेमोरी फुल हो जाने पर ये काम नहीं करता है.

Virtual RAM वाले स्मार्टफोन 

मार्केट में Virtual RAM वाले स्मार्टफोन की संख्या धीरे बढ़ने लगी है. मार्केट अभी सस्ता Virtual RAM वाला फोन Realme narzo 30 5G है.

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