स्टारलिंक इंटरनेट क्या है? भारत में स्टारलिंक इन्टरनेट कब शुरू होगा?

स्टारलिंक इंटरनेट क्या है

Elon Musk की कंपनी SpaceX ने संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा के बाद अब भारत में स्टारलिंक ब्रॉड बैंड (Starlink internet in India) को शुरू करने का ऐलान किया है. इसके लिए प्री बुकिंग शुरू हो गयी है और 2025 से सैटेलाइट आधारित इन्टरनेट सेवा देने लगेगी. इसका सबसे बड़ा फायदा उन लोगो को मिलेगा जो दुर्गम या रिमोट एरिया में रहते है. जैसे साउथ कोरिया के 96 % लोग हमेशा ऑनलाइन रहते है जबकि अफ़्रीकी देश सेंट्रल अफ्रिकन रिपब्लिक की 5 % जनसँख्या ही इन्टरनेट यूज कर पाती है.तो आपने देखा ना कि किस तरह से दुनिया इन्टरनेट का असमानता है. इसी को दूर करने के लिए सैटेलाइट  इन्टरनेट सेवा काम आएगी. तो चलिए शुरू करते है और जानते है कि स्टारलिंक इंटरनेट क्या है? कैसे काम करता है? और Starlink के फायदे और नुकसान.

स्टारलिंक इंटरनेट क्या है-What is Starlink in Hindi?

Starlink प्रोजेक्ट Tesla और SpaceX कंपनी के मालिक Elon Musk का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी SpaceX को दी गयी है. इस प्रोजेक्ट में कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स का नेटवर्क बनाया जायेगा, जिसे स्टार लिंक कहा जायेगा. ये नेटवर्क बनना शुरू हो गया है जिसमे अब तक1081 सैटेलाइट्स जुड़ चुके है. Starlink को आप सैटेलाइट आधारित इन्टरनेट सेवा देने वाली ब्रॉड बैंड कंपनी भी कह सकते है.

Starlink का मुख्य उद्देश्य है पृथ्वी के दुर्गम या सुदूर क्षेत्रो में भी इन्टरनेट सर्विस मुहैया कराना. इस नेटवर्क को बनाने के लिए SpaceX पृथ्वी की कक्षा में बहुत से सैटेलाइट्स स्थापित करेगी. हर सैटेलाइट का वजन 227 kg है और आकार एक टेबल के समान है. और इनमे बिजली के लिए सोलर पैनल भी लगा है. अन्य सैटेलाइट्स की तुलना में स्टार लिंक सैटेलाइट्स पृथ्वी से 60 गुना कम दूरी पर होंगे जिससे latency time कम होगा मतलब आपके डाटा को अपने लक्ष्य तक आने का समय कम होगा जो ऑनलाइन गेमिंग के लिए अच्छा है. अभी तक Space X ने 1081 सैटेलाइट्स लांच कर चुकी है और इसी तरह वर्ष 2027 के मध्य तक SpaceX कंपनी 42000 सैटेलाइट लांच करेगी.

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कैसे काम करता है?

सैटेलाइट ब्रॉडबैंड या इन्टरनेट में वही टेक्नोलॉजी यूज होती है जो डिश टीवी और जीपीएस में यूज होती है. बस अंतर ये होता है कि सैटेलाइट इन्टरनेट में सैटेलाइट पारंपरिक सैटेलाइट्स की तुलना में पृथ्वी के बहुत पास होते है जिससे हाई स्पीड इन्टरनेट मिलता है. अभी तक ऑप्टिकल फाइबर केबल ही सबसे ज्यादा इन्टरनेट स्पीड देता है. फाइबर में सिग्नल प्रकाश की स्पीड से चलते है.

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सैटेलाइट लेज़र किरणों के द्वारा इन्टरनेट देते है और ये लेज़र प्रकाश की स्पीड के 97 % स्पीड से डाटा भेजते है. लेज़र सिग्नल को मजबूत करने के लिए ये सैटेलाइट अपने पास के 4 सैटेलाइट से जुड़ जाता है और इसी तरह हर सैटेलाइट आस पास के 4 सैटेलाइट से जुड़कर एक सैटेलाइट लिंक या नेटवर्क बना लेता है. इसलिए Starlink में 42000 सैटेलाइट को लांच करके एक बड़ा नेटवर्क बना लिया जायेगा जिससे पूरी पृथ्वी कवर हो सके और सबको हाई स्पीड इन्टरनेट मिल सके.

Starklink internet in India

ये इस समय North U.S.A और कनाडा, U.K के कुछ क्षेत्रो में काम कर रहा है. भारत सहित कुछ देशो में इसकी प्री बुकिंग शुरू हो गयी है. जिसकी प्राइस है 99USD (लगभग 7300 रुपये). और भारत में वर्ष 2022 से इसकी सेवा मिलने लगेगी. ये प्राइस पूरी तरह से रिफंड हो जायेगा यदि आपके लोकेशन पर कंपनी इन्टरनेट सेवा नहीं दे पाई. अप्रैल 2021 तक पूरे संसार में 5 लाख स्टारलिंक रजिस्ट्रेशन हो चुके है. जो धीरे धीरे और बढ़ने की उम्मीद है.

Starlink कैसे काम करता है-How does Starlink work?

Starlink क्या है
Photo Credit- Starlink
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Starlink की वेबसाइट पर में रजिस्टर करने पर आपको Starlink kit मिलेगा जिसमे एक Mounting tripod, WiFi router, Cables and starlink dish Antenna होगा. ये एंटीना ही रिसीवर के तरह काम करेगा. एंटीना आपके घर के छत पर लगेगा कैसे डिश टीवी का एंटीना लगता है. और ऐसी जगह पर जहा कोई छाया न पड़े और ये एंटीना, वाई फाई राऊटर के जरिये आपके कंप्यूटर या लैपटॉप से कनेक्ट होगा और रिसीवर (एंटीना), सैटेलाइट को सिग्नल भेजेगा, सैटेलाइट, Network Operations Center (NOC) से जुड़ा रहता है और NOC इन्टरनेट से जुड़ा रहता है. और सैटेलाइट NOC से डाटा रिसीव करके आपके राऊटर में देगा. जिससे आपको इन्टरनेट सेवा मिलेगी.

इन सबके लिए आपको Google Play Store या Apple App Store से Starlink app डाउनलोड करना होगा जो आपको Best position बताएगा starlink (Antenna) के इंस्टालेशन के लिए.

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Starlink internet speed कितनी है?

Star link में इन्टरनेट की स्पीड 50 Mbps to 150 Mbps है. जो एलोन मस्क के ट्वीट के अनुसार साल 2024 के अंत तक 500Mbps हो जाएगी. ये सेवा संयुक्त राज्य अमेरिका में शुरू हो चुकी है. और ऐसा नहीं है आपको अधिकतम 150Mbps स्पीड मिलेगी ये बढ़ भी सकती है. Reddit पर मौजूद Star link community के अनुसार नवम्बर 2020 में न्यूयार्क में अधिकतम स्पीड 209.17 Mbps मिली है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योकि कंपनी ग्राउंड स्टेशन और सैटेलाइट्स की संख्या बढ़ा रही है.

Starlink क्या है
photo credit- Reddit Star link community

अब आप कहोगे कि इससे ज्यादा तो स्पीड जिओ फाइबर देता है लेकिन जिओ फाइबर रिमोट या दुर्गम इलाके में नहीं देता है. ऐसा इसलिए क्योकि दुर्गम इलाके में ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाना आसान नहीं होता है. वहा पर मोबाइल नेटवर्क भी सही से काम नहीं करता है. और सारे इन्टरनेट ब्रॉड बैंड कंपनी शहरों में ध्यान देती है लेकिन रिमोट या गाँव को कोई नहीं पूछता है.

Starlink का फायदा 

Starlink का सबसे बड़ा फायदा ये है कि दुर्गम या ग्रामीण क्षेत्रों को इन्टरनेट से अच्छे से जोड़ पायेगा. आज भी गाँव में लोग मोबाइल इन्टरनेट पर निर्भर रहते है और वो भी सही से काम नहीं करता है. ग्रामीण इलाकों में इन्टरनेट कैफे चलाने वालो के लिए Starlink काफी फायदेमंद हो सकता है. इस समय Starlink अमेरिका के पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी इन्टरनेट सेवा दे रहा है. सैटेलाइट इंटरनेट कही भी आपको इन्टरनेट सेवा दे सकता है. कही भी मतलब कही भी. चाहे पहाड़ हो या फिर कोई भी जगह. इसकी एक और अच्छी बात ये है कि Starlink dish antenna में Heating Elements भी लगा है जो एंटीना के ऊपर बर्फ गिरने या जमने पर पर ये बर्फ को पिघला देता है.

Starlink की सीमाए 

Starlink की वेबसाइट पर लिखा है इसके लिए खुला और साफ आसमान होना चाहिए. और एंटीना को ऊँचे जगह पर लगाना होगा जहा पर कोई छाया ना पड़े. तेज बारिश और हवा इन्टरनेट को प्रभावित कर सकती है. शहरों में फ्लैट में रहने वालो को इसको यूज करने में दिक्कत हो सकती है. इसकी दूसरी सबसे बड़ी कमी ये है कि इसका प्राइस काफी ज्यादा है. जो भारत के लोगो को शायद पसंद ना आये. कंपनी का यह भी दावा है कि सैटेलाइट डिश में सीधे उस पर गिरने वाली बर्फ का पता लगाने और उसे पिघलाने की क्षमता है.

इसमे एक और दिक्कत ये हो सकती है कि शायद आप स्टारलिंक ब्रॉडबैंड द्वारा टोरेंट या गैर क़ानूनी कंटेंट डाउनलोड न कर पाए. क्योकि Reddit पर इन्टरनेट यूजर ने लिखा कि वो बिना वी पी एन के टोरेंट डाउनलोड कर रहा था. और स्टारलिंक के तरफ से नोटिस मिल गया. हो सकता हो स्टारलिंक की पालिसी भारत जैसे देशो के लिए अलग हो.

क्या ख़राब मौसम में भी Starklink internet काम करेगा?

इंटरनेट प्रदान करने के लिए स्टारलिंक को साफ आकाश की आवश्यकता होती है. इसका मतलब है कि भारी बारिश, छाया कनेक्शन को बाधित कर सकती है, जिससे या तो इंटरनेट धीमा हो सकता है या कई घंटों के लिए भी बंद हो सकता है. 

Starlink Internet की स्पीड कितनी है?

 स्पीड 50 Mbps to 150 Mbps है लेकिन 300Mbps तक भी जा सकती है.

निष्कर्ष 

दोस्तों मुझे पूरा यकीं है कि ये पोस्ट स्टारलिंक इन्टरनेट क्या है हिंदी में (What is Starlink in Hindi) आपको जरुर पसंद आई होगी. स्टार लिंक ब्रॉड बैंड के आ जाने से भारत के ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रो में भी इन्टरनेट की सुविधा अच्छी हो जाएगी. हम आशा करते है कि ये प्राइस कुछ कम हो जायेगा. दोस्तों इस पोस्ट से सम्बंधित कोई प्रश्न हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते है.और इसे सोशल मीडिया पर फेसबुक, व्हात्सप्प, ट्विटर आदि पर शेयर जरुर करियेगा.

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