यूआरएल क्या है: दोस्तों आज का टॉपिक है यूआरएल क्या है- What is URL in Hindi. आप जैसे जैसे इन्टरनेट यूज करना सीख रहे होंगे वैसे ही वैसे ही आपने यूआरएल जैसे जरूरी शब्द को जरुर सुना होगा. जैसे हर घर का एक यूनिक एड्रेस या पता होता है उसी तरह इन्टरनेट पर मौजूद हर हर रिसोर्स (डॉक्यूमेंट, फोटोज, फाइल्स आदि) का एक विशिष्ट एड्रेस होता है. इस एड्रेस के बिना आप इन्टरनेट पर कोई भी चीज नहीं खोज पाएंगे. तो चलिए दोस्तों आज हम जानेंगे कि URL क्या होता है, यूआरएल कैसे बनता है और यूआरएल कैसे काम करता है?
URL क्या है – What is URL in Hindi ?
इन्टरनेट पर मौजूद किसी भी वेब रिसोर्स जैसे फाइल्स, डॉक्यूमेंट, फोटो, विडियो का एड्रेस ही यूआरएल (URL) होता है. इन्टरनेट पर किसी भी दो रिसोर्स का एक समान यूआरएल नहीं हो सकता है.जैसे हम सबके घर का एक फिजिकल एड्रेस होता है उसी तरह वेब रिसोर्स का एक एड्रेस (पता) होता है. जो उसे locate करता है. इन्टरनेट पर बिना किसी यूआरएल के कोई भी फाइल या जानकारी नहीं खोजी जा सकती है. किसी भी जानकारी को ऑनलाइन स्टोर करने के लिए आपको डोमेन नाम और सर्वर की जरुरत पड़ती है. और यूआरएल ही वो माध्यम है जिसकी सहायता से आप उस जानकारी तक पंहुच पाते है. https://vskub.org यूआरएल का उदाहरण है. जो कि utsukhindi वेबसाइट का यूआरएल है.
यूआरएल का फुल फॉर्म क्या है-URL full form in Hindi
यूआरएल का फुल फॉर्म है- यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator or Universal Resource Locator). URL को Internet address और Web address भी कहते है.
यूआरएल की खोज किसने की थी?
वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कारक टिम बर्नर्स ली ने ही वर्ष 1994 यूआरएल को डिजाईन किया था.
यूआरएल के भाग (Parts of URL)
यूआरएल में मुख्य रूप से Protocol, Subdomain, Domain name और path होता है.
1. Protocol (http or https)
Protocol नेटवर्क में मौजूद डाटा को ट्रान्सफर या एक्सचेंज करने का एक तरीका होता है. http or https बहुत की कॉमन प्रोटोकॉल है. इन दोनों के अलावा FTP, TFTP(Trivial File Transfer Protocol) भी है जिनका यूज विशेष कामो के लिए होता है.
वेबसाइट के लिए http:// or https:// होता है. जैसे https का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol Secure होता है. यह इन्टरनेट ब्राउज़र को आपके द्वारा दी गयी गयी किसी भी जानकारी जैसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड जानकारी आदि को एन्क्रिप्ट करने के लिए कहता है. ताकि कोई भी साइबर क्रिमिनल आपकी जानकारी प्राप्त ना कर सके. प्रोटोकॉल के बाद colon ( : ) और two forward slash ( : ) होता है जो प्रोटोकॉल को यूआरएल के बाकी भागो से अलग करता है.
2. Subdomain
Subdomain को Child domain, leaf domain भी कहते है. यह मुख्य डोमेन नाम का एक एक्सटेंशन होता है जैसे en.wikipedia.org में en एक subdomain है. और wikipedia.org एक डोमेन नाम है. Subdomain के कुछ और उदाहरण इस प्रकार है.
- blog.example.com
- web.whatsapp.com
- support.dell.com
- mail.google.com
3. Domain name
आपकी वेबसाइट का नाम डोमेन नाम होता है. डोमेन नाम एक यूनिक नाम होता है जिससे इन्टरनेट पर आपकी वेबसाइट की पहचान होती है. जैसे utsukhindi.in एक डोमेन नाम है. और .in एक टॉप लेवल डोमेन है. डोमेन नाम में एक top-level domain (TLD) हमेशा होता है.
4. Top-level domain or Upper-Level Domain
किसी भी डोमेन नाम के अंतिम में डॉट ( . ) के बाद वाला भाग TLD होता है. TLD को domain suffixes भी कहा जाता है. TLD लोकेशन या उद्देश्य को बताते है. जैसे .com .in .org .gov .net
- .com – Commercial
- .in – India
- .au – Australia
- .net – Network
- .org – Organization
- .gov – Government
- .edu – Educational
5. Path
ये बिलकुल एक रास्ते की तरह होता है. Path भी किसी रिसोर्स जैसे फाइल, पोस्ट, डॉक्यूमेंट आदि का सटीक लोकेशन बताता है. Path हमेशा Host name के बाद आता है.और “/” (forward slash) से अलग रहता है. Path में file extension जैसे .jpg .png .pdf .docx भी हो सकता है. जैसे
https://vskub.org/wp-content/uploads/2021/08/internet-vs-intranet.png
URL कहा मौजूद होता है-Where is the URL located?
ब्राउज़र विंडो के टॉप में एड्रेस बार होता है. इसी एड्रेस बार (Omnibox) में URL लिखा होता है. कंप्यूटर और लैपटॉप ब्राउज़र में URL हमेशा दिखता है.स्मार्टफोन और टेबलेट ब्राउज़र जैसे ही आप नीचे स्क्रॉल करते है तो यूआरएल वाला बार गायब हो जाता है. और जैसे ही आप ऊपर स्क्रॉल करेंगे तो आपको यूआरएल दिखने लगेगा.
यूआरएल कैसे काम करता है?
इन्टरनेट की दुनिया में कंप्यूटर नेटवर्क और Server एक दूसरे से बात करने के लिए आई पी एड्रेस का यूज करते है. हर एक वेबसाइट का एक यूनिक आई पी एड्रेस होता है जिसे अंको के रूप में होते है. जब हम ब्राउज़र में यूआरएल टाइप करते है तो ब्राउज़र इस रिक्वेस्ट को डोमेन DNS में भेज देता है. DNS उस यूआरएल को होस्ट करने वाले सर्वर का आई पी एड्रेस देता है. और फिर ब्राउज़र उस आई पी एड्रेस के द्वारा उस वेब सर्वर से वेब पेज या यूआरएल का अनुरोध करता है. और वेब सर्वर उस ब्राउज़र के आई पी एड्रेस पर वो वेब पेज भेज देता है.
जब आप utsukhindi.in टाइप करते है तो DNS (Domain Name Server) इस नाम को एक आई पी एड्रेस में बदल देता है जिसका यूज राऊटर, वेब सर्वर को खोजने के लिए करता है. आई पी एड्रेस के स्थान पर डोमेन नाम यूज किया जाता है. क्योंकि आप डोमेन नाम याद कर सकते है लेकिन IP एड्रेस याद रखने में मुश्किल हो सकती है. आप एड्रेस बार में आई पी एड्रेस भी टाइप करके कोई वेबसाइट ओपन कर सकते है. जैसे आप गूगल और अमेज़न का आई पी एड्रेस नीचे दिया है.
- google.com का आई पी एड्रेस है- 216.58.194.206
- Amazon.com का आई पी एड्रेस है- 87.238.85.156
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Types of URLs
Absolute URL
Absolute URL में किसी भी रिसोर्स की लोकेशन की पूरी जानकरी होती है. इस यूआरएल में डोमेन नाम, प्रोटोकॉल (स्कीम) हमेशा होता है. दूसरी वेबसाइट से लिंक करने के लिए Absolute URLका यूज होता है. जैसे आप नीचे Absolute URL का उदाहरण देख सकते है.
https://vskub.org/how-to-download-covid-19-vaccination-certificate-hindi/
Absolute URL का फॉर्मेट कुछ ऐसा होता है- scheme://server/path/resource
Relative URL
जबकि Relative URL , absolute URL को शुरूआती पॉइंट मानकर इसी से शुरू होता है. ये यूआरएल केवल फाइल की लोकेशन का रास्ता दिखाता है. इस यूआरएल का यूज तब किया जाता है जब एक ही वेबसाइट में बाकि वेब पेज को लिंक करना होता है. Relative URL examples
- /help/articles/what-is-internet.html
- /wp-content/uploads/2021/08/download-corona-vaccine-certificate-via-whatsapp.webp
Secure URLs क्या है?
जिस भी वेबसाइट के यूआरएल में https लगा होता है वो यूआरएल Secure URL होता है. एक सिक्योर यूआरएल https से शुरू होता है. जबकि असुरक्षित यूआरएल http से शुरू होता है. https में s का मतलब Secure होता है. और हमें ये बताता है कि वेबसाइट Secure Sockets Layer (SSL) सर्टिफिकेट यूज करती है. और वो वेबसाइट आपके लिए सुरक्षित है.
आई पी एड्रेस और यूआरएल में क्या अंतर होता है?
आई पी एड्रेस एक अलग सा दिखने वाला नंबर होता है ( 0 to 255). जो इन्टरनेट पर मौजूद सभी डिवाइस को दिया जाता है. इसी तरह यूआरएल में मौजूद डोमेन नाम को एक आई पी एड्रेस दिया जाता है. जब आप utsukhindi.in टाइप करते है तो DNS (Domain Name Server) इस नाम को एक आई पी एड्रेस में बदल देता है जिसका यूज राऊटर, वेब सर्वर को खोजने के लिए करता है. आई पी एड्रेस के स्थान पर डोमेन नाम यूज किया जाता है. क्योंकि आप डोमेन नाम याद कर सकते है लेकिन IP एड्रेस याद रखने में मुश्किल हो सकती है.
आप डोमेन नाम को एक घर की फोटो समझ लीजिये और और आई पी एड्रेस को घर का पता. बिना घर के पता के आप घर को खोज नहीं सकते है.
निष्कर्ष- यूआरएल क्या है
दोस्तों मुझे यकीं है आपको ये यूआरएल क्या होता है (What is URL in Hindi) और URL कैसे काम करता है जरुर समझ आ गया होगा. यहा पर मैंने आपको URL Structure के साथ डोमेन नाम,सब डोमेन और प्रोटोकॉल के बारे में भी बताया है. ताकि आपको यूआरएल के बारे में समझने में कोई दिक्कत ना हो. इसके बाद भी कोई दिक्कत हो तो हो आप कमेंट करके पूछ सकते है.
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