1G, 2G, 3G, 4G और 5G मोबाइल नेटवर्क में अंतर | Differences Between 1G, 2G, 3G, 4G and 5G technology in Hindi
आपने 1G, 2G, 3G, 4G के बारे में सुना होगा और हाल ही में 5G फोन नेटवर्क के बारे में न्यूज़ सुन रहे होंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि ये सभी मोबाइल नेटवर्क तकनीक का क्या अर्थ है और 1G, 2G, 3G, 4G और 5G में अंतर क्या हैं? इस पोस्ट में, मैं इन सभी को सबसे सरल शब्दों में समझाऊंगा जिससे आपको अच्छे से मोबाइल नेटवर्क जनरेशन के बारे में समझ आ जायेगा.
1G, 2G, 3G, 4G और 5G मोबाइल नेटवर्क में G क्या होता है?
“G” का अर्थ “जेनरेशन” है. इंटरनेट से कनेक्ट होने के दौरान, कनेक्शन की स्पीड Signal strength पर निर्भर करती है जो किसी भी मोबाइल डिवाइस पर 2G, 3G, 4G, 5G, आदि जैसे रूपों में दिखाई जाती है. वायरलेस ब्रॉडबैंड की प्रत्येक जेनरेशन को टेलीफोन नेटवर्क मानकों के एक सेट के रूप में परिभाषित किया जाता है
वायरलेस संचार का उद्देश्य wired communication या ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड की तरह ही हाई क्वालिटी और विश्वसनीय संचार प्रदान करना है और प्रत्येक नई पीढ़ी उस दिशा में एक बड़ी तरक्की को दर्शाती है. यह विकास 1979 में 1 जी से शुरू हुई थी और यह अभी भी 5जी तक जारी है. प्रत्येक जेनरेशन के मानक होते हैं जिनका पूरा होने पर ही G शब्दावली का उपयोग किया जाना चाहिए. हर जनरेशन पिछली पीढ़ी के बाद से हुए Research and development से बना है.
Mobile technology में तेजी से सुधार के कारण पिछले कुछ वर्षों में Mobile communication बहुत अधिक पॉपुलर हो गया है. 1G, 2जी, 3जी, 4जी और 5जी की तुलना करने के लिए हमें सबसे पहले इन सभी तकनीकों की प्रमुख विशेषताओं को समझना होगा.
FIRST GENERATION पहली पीढ़ी (1 जी) – क्या होता है 1G
यह cell phone technology की पहली पीढ़ी थी . commercial cellular network की पहली पीढ़ी को 70 के दशक के अंत में पेश किया गया था . 1G mobile communication जापान में 1979 में Nippon Telegraph and Telephone (NTT)द्वारा शुरू की गई थी. शुरू में यह टोक्यो में शुरू हुआ और बाद में 5 वर्षों के भीतर पूरे जापान में फ़ैल गया.
1981 में, Nordic Mobile Telephone (NMT) को यूरोपीय देशों में लॉन्च किया गया था. 1983 में, Ameritech ने मोटोरोला मोबाइल फोन का उपयोग करके USA में 1G मोबाइल लॉन्च किया. इसके बाद से तब कई देशों ने 1G को लांच करना शुरू किया. 1जी की अधिकतम स्पीड 2.4 केबीपीएस है . 1 G एक एनालॉग तकनीक है और इसके फोन में आम तौर पर खराब बैटरी लाइफ होती है और कभी-कभी Voice Callड्रॉप का अनुभव होता है
1G की विशेषताएं
- एनालॉग सिग्नल का यूज
- Advanced Mobile Phone System (AMPS).
- केवल Voice service
- अधिकतम स्पीड 2.4kbps थी.
- ये First wireless communication था.
1G नेटवर्क के नुकसान
- ख़राब Voice Quality
- सेल फोन बड़े होते थे और बैटरी भी कमजोर होती थी.
- डाटा रेट बहुत कम 2.4 kbps थी.
- 1G नेटवर्क में Roaming support नहीं होता था.
- 1G नेटवर्क के फ़ोन बहुत भारी (3-4 kg) और महंगे होते थे
- 1 G केवल कॉर्पोरेट कंपनी के लिए हुआ करते थे. पर्सनल यूज के लिए नहीं.
SECOND GENERATION दूसरी पीढ़ी (2 जी)
सेल फोन को अपना पहला बड़ा अपग्रेड तब मिला जब वे 1G से 2G में चले गए. 2G, GSM पर आधारित दूसरी पीढ़ी के मोबाइल नेटवर्क को दर्शाती है. 1G और 2G के बीच मुख्य अंतर यह है कि 1G नेटवर्क द्वारा उपयोग किए जाने वाले रेडियो सिग्नल Analog थे, जबकि 2G नेटवर्क Digital थे. सामान्य पैकेट रेडियो सेवा ( GPRS ) के साथ 2जी की अधिकतम गति 64 केबीपीएस है.
1991 में रेडिओलिंजा (Radiolinja) द्वारा फिनलैंड में GSM standard पर दूसरी पीढ़ी के 2 जी सेलुलर दूरसंचार नेटवर्क को व्यावसायिक रूप से लॉन्च किया गया था. मल्टीप्लेक्सिंग के माध्यम से एक ही चैनल पर कई यूजर्स को लाकर 2G क्षमताएं हासिल की गईं. 2जी के दौरान वॉयस के साथ-साथ डेटा के लिए Cellular phones का इस्तेमाल किया जाता था. 2G से 3G वायरलेस नेटवर्क में बड़ी छलांग लगाने से पहले 2.5 G और 2.75 G भी एक कम ज्ञात Standard या मानक था.
2जी की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार थीं:
2G की विशेषताएं
- 64 kbps तक की डेटा स्पीड
- एनालॉग के बजाय डिजिटल सिग्नल का यूज
- एसएमएस और एमएमएस (मल्टीमीडिया संदेश)
- अच्छी क्वालिटी वाली वॉयस कॉल
- GPRS and Emails
- पहली इन्टरनेट सेवा
- रोमिंग सपोर्ट
- इसमें 30 से 200 KHz की Bandwidth का इस्तेमाल किया गया था
THIRD GENERATION तीसरी पीढ़ी (3जी) – 3G क्या है?
3जी, Universal Mobile Telecommunications System(यूएमटीएस) को अपने मुख्य नेटवर्क आर्किटेक्चर के रूप में उपयोग करता है. 3जी नेटवर्क 2जी नेटवर्क के पहलुओं को नई तकनीकों और प्रोटोकॉल के साथ जोड़ता है ताकि काफी तेज डेटा दर प्रदान की जा सके. Packet switching का उपयोग करके 14 Mbps तक की स्पीड ने के लिए मूल तकनीक में सुधार किया गया था. इसने Wide Band Wireless Network नेटवर्क का उपयोग किया जिससे Clarity में सुधार हुआ. यह 2100 मेगाहर्ट्ज की रेंज पर चलता है और इसमें 15-20 मेगाहर्ट्ज की बैंडविड्थ होती है. 3G की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
3G की विशेषताएं
- 2 एमबीपीएस तक की स्पीड
- ज्यादा बैंडविड्थ और डेटा ट्रांसफर रेट
- Large email messages भेज/प्राप्त कर सकते है.
- ज्यादा ब्रॉडबैंड क्षमताएं
- जीपीएस
- Video Calls
- Mobile TV
- फोटो शेयरिंग
- स्पीड 2 Mbps
- Location tracking
FOURTH GENERATION चौथी पीढ़ी (4जी)- 4G क्या होता है?
3G और 4G के बीच मुख्य अंतर Data rate का है. 3G और 4G तकनीक में भी बहुत बड़ा अंतर है. जिन प्रमुख तकनीकों ने 4G को संभव बनाया है, वे हैं MIMO (Multiple Input Multiple Output) और OFDM (Orthogonal Frequency Division Multiplexing). सबसे महत्वपूर्ण 4G standards WiMAXऔर LTE हैं. जबकि 4G LTE 3G speeds की तुलना में एक बड़ा सुधार है, लेकिन यह तकनीकी रूप से 4जी नहीं है. नई पीढ़ी के फोन आमतौर पर backward-compatible होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं , इसलिए एक 4 जी फोन 3 जी या यहां तक कि 2 जी नेटवर्क के माध्यम से भी संचार कर सकता है.
4जी और एलटीई में क्या अंतर है?
4G LTE एक “चौथी पीढ़ी का उन्नत विकास” है, जो बहुत तेज़ और सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन देने में सक्षम है. 4जी एलटीई की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:
4G LTE की विशेषताएं
- इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया, आवाज, HD वीडियो का सपोर्ट.
- High speed, high capacity ( 20 एमबीपीएस या उससे अधिक की स्पीड )
- ग्लोबल मोबाइल नेटवर्क
- Low cost per bit.
- रियल टाइम मल्टी प्लेयर गेमिंग
- Video conferencing
FIFTH GENERATION पांचवी पीढ़ी (5जी)
5G का उद्देश्य 4G में सुधार करना है. 5G lower latency, faster data rates आदि जैसे सुधार देता है. इसके आलावा 4 जी की तुलना में अच्छी device-to-device communication, battery consumption और अच्छा कवरेज भी देता है. 5G का सबसे अच्छा फीचर है- Low latency. 5 जी Orthogonal frequency-division multiplexing यूज करता है जिससे इसकी Latency (लेटेंसी) 1 – 10 seconds तक पहुच जाती है. 5G औसत 4G latency से 60 से 120 गुना तेज होने का अनुमान है .
5G के बारे में विस्तार से जानने के लिए ये पोस्ट पढ़े 5G के फायदे क्या है? और कौन से बैंड का 5 जी फ़ोन लेना सही रहेगा?
5G की विशेषताएं
- 4G से ज्यादा स्पीड
- अच्छी क्वालिटी सभी सेवाओं में
- हाई स्पीड और कैपेसिटी
- बेहतर Battery consumption
- रियल टाइम मल्टी प्लेयर गेमिंग
- Higher connection density
- ज्यादा वायरलेस कवरेज
- नेटवर्क की विश्वसनीयता
- Machine to Machine communication
Latency of 1G, 2G, 3G, 4G and 5G
लेटेंसी होने का मतलब है कि जब भी आप सिस्टम को इनपुट देते है और उस सिस्टम से आउटपुट देने में लगने वाली कुल Time period or interval को लेटेंसी के रूप में जाना जाता है।
Latency जितनी कम होगी उतना ही अच्छा होगा. लेटेंसी की यूनिट मिली सेकंड होती है.
- 2 G मोबाइल नेटवर्क की लेटेंसी= 300ms to 1000 ms
- 3 G मोबाइल नेटवर्क की लेटेंसी= 100ms to 500 ms
- 4 G मोबाइल नेटवर्क की लेटेंसी= 60 ms to 100 ms
- 5 G मोबाइल नेटवर्क की लेटेंसी= 5 ms से कम
1G, 2G, 3G, 4G और 5G मोबाइल नेटवर्क में अंतर
1G, 2G, 3G, 4G और 5G मोबाइल नेटवर्क में सबसे महत्वपूर्ण अंतर इन्टरनेट स्पीड और लेटेंसी का है. 5 जी मतलब सबसे ज्यादा स्पीड और सबसे कम लेटेंसी और 1 जी मतलब सबसे कम स्पीड. जैसे 1G 2.4 kbps प्रदान करता है, 2G 64 Kbps प्रदान करता है और ये GSM पर आधारित है, 3G 144 kbps से 2 mbps तक स्पीड देता है जबकि 4G 100 Mbps – 1 Gbps प्रदान करता है और ये LTE तकनीक पर आधारित है. और 5 G स्पीड 1 Gbps से ज्यादा है.
1G vs 2G vs 3G vs 4G vs 5G in Hindi
1G | 2G | 3G | 4G | 5G | |
Launch date | 1979 | 1991 | 1998 | 2008 | 2020 |
Technology | एनालॉग सेलुलर, AMPS | डिजिटल सेलुलर (GSM) | CDMA, UMTS, EDGE | Wifi, LTE, , Volte | MIMO, mm waves |
Frequency | 30KHz | 1.8GHz | 1.6-2 GHz | 2-8 GHZ | 3-30 GHz |
Switching | Circuit switching | Circuit and Packet Switching | Packet Switching | Packet Switching | Packet Switching |
Multipexing | FDMA | TDMA/CDMA | CDMA | CDMA | OFDM/CDMA |
Connection Density | No Internet | 2,000 devices per square kilometer | 1 million devices per square kilometer | ||
Service | No Internet | Narrowband | Broadband | Ultra Broadband | Ultra Broadband |
Speed | 2.4 Kbps | 64 Kbps | 2 Mbps, First mobile broadband | 100 Mbps | 1 Gbps+ |
Latency | 300–1000 ms | 100–500 ms | < 100 ms | < 5 ms | |
Application | Voice calls | Voice calls, SMS | GPS, मोबाइल टीवी | मोबाइल टीवी, Wearable device, विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग | High resolution video streaming, रोबोट, व्हीकल, मेडिकल डिवाइस को रिमोट से ऑपरेट करना, internet of things |
नोट- यहाँ पर जो भी इन्टरनेट की स्पीड बताई गयी है वो केवल लैब आधारित है. इतनी ज्यादा स्पीड शायद ही किसी ग्राहक को मिली हो. जैसे कि 3 जी की स्पीड 2 Mbps है और इतनी स्पीड तो 4 जी में भी नहीं मिलती है. आज भी मेट्रो शहरो को छोड़कर 4 G की स्पीड 400-500 Kbps से ज्यादा नहीं आती है. और गाँव में तो भगवान ही भला है.
1 जी, 2 जी, 3 जी, 4 जी, 5 जी में अंतर | Differences Between 1G, 2G, 3G, 4G and 5G in Hindi
जब 1 जी शुरू हुआ था तब महंगा होने के कारण ये कुछ ही लोगो के पास ये था. और उस समय सस्ते मोबाइल भी नहीं थे. जब 1 जी नेटवर्क 2 जी नेटवर्क में बदला तो यह एक पीढ़ी के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम था. तीसरी जनरेशन में, वेब सर्फिंग, ईमेल, वीडियो डाउनलोडिंग, पिक्चर शेयरिंग और अन्य स्मार्टफोन तकनीक पेश की जा चुकी थी. लेकिन अभी ये महंगा था.
3जी की तुलना में, जब 4जी आया तो इसने इन्टरनेट की दुनिया में तहलका ही मचा दिया. ये सस्ते प्लान के कारण भारत में घर घर में पहुच गया. 4G का लक्ष्य यूजर्स को फोन, डेटा, मल्टीमीडिया और इंटरनेट सेवाओं की लागत को कम करते हुए High-speed, High-quality वाली सेवाएं प्रदान करना है.
5G पीढ़ी का लक्ष्य 4G में सुधार करना है. 5G अन्य लाभों के साथ कहीं अधिक तेज डेटा गति, Higher connection density और काफी कम latency का वादा करता है. Internet of Things, बेहतर बैटरी खपत और बेहतर वायरलेस कवरेज 5G योजनाओं में से हैं.
दोस्तों अगर आपको लगता है कि इन्टरनेट चलाने का केवल तरीका मोबाइल नेटवर्क ही है तो ऐसा नहीं है. यहाँ पढ़िए इन्टरनेट कनेक्शन के प्रकार. और अगर आपको ये जानना है कि इन्टरनेट आपके मोबाइल में कैसे पहुचता है तो ये भी पढ़े इन्टरनेट कैसे चलता है और भारत में इन्टरनेट कैसे पहुचता है? आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.