Internet in Hindi: इंटरनेट की परिभाषा, इतिहास और इंटरनेट की विशेषताएं ?

इंटरनेट क्या है (Computer Internet in Hindi), इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है, History of internet in Hindi और इंटरनेट कैसे काम करता है? नमस्कार दोस्तों आज हम ऐसे विषय के बारे में जानेंगे जो बहुत सारे लोगो के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है और यही एक ऐसी चीज है जो पृथ्वी के बहुत सारे अलग अलग देशों को एक दूसरे से जोड़ने काम करती है तो आज हम जानेंगे कि Internet kya hai (What is Internet in Hindi) ? इन जानकारी से इंटरनेट पर निबंध ( Essay on Internet in Hindi) भी लिख सकते है. 

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इंटरनेट क्या है – What is Internet in Hindi?

इंटरनेट दुनिया भर से सारे कंप्यूटरों का एक बड़ा Global Network है जिसके द्वारा सारे computers एक दूसरे से बात करते है. और इसी नेटवर्क के द्वारा हम बहुत सारी जानकारी घर बैठे प्राप्त कर लेते है. इंटरनेट से जुड़ने के लिए आपके पास Internet Service Provider (ISP) होना चाहिए. इसी के द्वारा दुनिया के सारे कंप्यूटर एक दूसरे से Connected रहते है. इंटरनेट को हम नेटवर्क एक बहुत बड़ा जाल कह सकते है जिसमे बहुत सारे छोटे छोटे नेटवर्क के जाल होते है. इंटरनेट को एक पाइपलाइन भी कह सकते है जो Electronic Message को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में भेजता है. Internet kya hai अब तो समझ आ गया होगा. नेटवर्क के बारे में आपको पूरी जानकारी यहा मिल जाएगी. Network क्या है और कंप्यूटर नेटवर्क के 4 प्रकार PAN, LAN, MAN, WAN

इंटरनेट को Information Superhighway (सूचना सुपर हाइवे) भी कहा जाता है क्योकि इसी के द्वारा सारी दुनिया में Information का तेजी से प्रचार प्रसार होता है. ये भी पढ़े इंटरनेट की तीसरी पीढ़ी Web 3.0 क्या है?

इंटरनेट को नेटवर्को का नेटवर्क क्यों कहा जाता है?

इंटरनेट के द्वारा ही दुनिया भर के सारे कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़े रहते है. बहुत सारे कंप्यूटरों के जुड़ने से बहुत सारे छोटे बड़े नेटवर्क बनते है जिस कारण इंटरनेट को नेटवर्को का नेटवर्क क्यों कहा जाता है.

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इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है-Internet full form in Hindi

इंटरनेट का फुल फॉर्म है-Interconnected Network ये दुनिया भर में मौजूद सभी वेब सर्वर्स का इंटरकनेक्टेड नेटवर्क होता है. इस नेटवर्क में Web Server के साथ दुनिया के बहुत सारे सरकारी और प्राइवेट संगठन, स्कूल, कॉलेज, रिसर्च सेंटर आदि सब जुड़े होते है. इंटरनेट को International Network भी कह सकते है जो विश्व के लाखों Public और Private Network को जोड़ता है.

इंटरनेट को शार्ट फॉर्म में Net (Network का छोटा रूप) भी कहते है.

इंटरनेट की परिभाषा | Internet ki paribhasha

इंटरनेट एक ग्लोबल Wide Area Network है जो दुनिया भर के कंप्यूटर सिस्टम को जोड़ता है। इसमें कई उच्च-बैंडविड्थ डेटा लाइनें शामिल हैं जिनमें इंटरनेट ” बैकबोन ” शामिल है । ये लाइनें प्रमुख इंटरनेट हब से जुड़ी हैं जो डेटा को अन्य स्थानों, जैसे Web Server और ISP में वितरित करती हैं ।

इंटरनेट से जुड़ने के लिए, आपके पास एक इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) तक पहुंच होनी चाहिए, जो आपके और इंटरनेट के बीच intermediate के रूप में कार्य करता है। अधिकांश ISP Cable, DSl, या फाइबर कनेक्शन के माध्यम से ब्रॉडबैंड इंटरनेट एक्सेस की पेशकश करते हैं। जब आप सार्वजनिक वाई-फाई सिग्नल का उपयोग करके इंटरनेट से कनेक्ट होते हैं , तो Wi-Fi router अभी भी एक आईएसपी से जुड़ा होता है जो इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है। यहां तक ​​​​कि Cellular Mobile Towers को इंटरनेट से जुड़े उपकरणों को इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करने के लिए ISP से Connect होना चाहिए।

एक बच्चे को इंटरनेट के बारे में कैसे बताएँगे ?

इंटरनेट कंप्यूटर और अन्य उपकरणों का एक विशाल नेटवर्क है जो एक साथ जुड़े हुए हैं। यह लोगों को दुनिया में कहीं से भी जानकारी शेयर  करने और एक दूसरे के साथ communicate करने की अनुमति देता है। 

आप इसे कई छोटे वेब (जाल)  से बने एक विशाल जाल मान सकते है, जिसमें प्रत्येक वेब एक कंप्यूटर या डिवाइस का प्रतिनिधित्व करता है जो इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। जब आप इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तो आप अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन का उपयोग करके इन सभी विभिन्न वेबों पर उपलब्ध सभी जानकारी तक पहुंचने में सक्षम होते हैं। 

यह किताबों, खेलों, वीडियो और अन्य मजेदार चीजों से भरा एक विशाल पुस्तकालय होने जैसा है, जो सभी एक touch button पर आपके लिए उपलब्ध हैं।

Internet meaning in Hindi

Internet ka Hindi: इंटरनेट को हिंदी में अंतरजाल कहा जाता है.

इंटरनेट किसने बनाया?

इंटरनेट ARPANET के रूप में शुरू हुआ , एक अकादमिक अनुसंधान नेटवर्क जिसे सेना की Advanced Research Projects Agency (ARPA, अब DARPA) द्वारा पैसा दिया गया था। इस परियोजना का नेतृत्व एआरपीए प्रशासक Bob Taylor ने किया था, और Network को Bolt, Beranek and Newman की परामर्श द्वारा बनाया गया था। और 1969 में इसका संचालन शुरू हुआ।

1973 में, सॉफ्टवेयर इंजीनियर Vint Cerf and Bob Kahn ने ARPANET के लिए अगली पीढ़ी के नेटवर्किंग मानकों पर काम करना शुरू किया। ये मानक, जिन्हें TCP/IP के नाम से जाना जाता है, आधुनिक इंटरनेट की नींव बन गए। ARPANET ने 1 जनवरी, 1983 को TCP/IP का उपयोग करना शुरू कर दिया।

1980 के दशक के दौरान, इंटरनेट के लिए धन सेना से  National Science Foundation. में स्थानांतरित कर दिया गया। NSF ने 1981 से 1994 तक इंटरनेट की रीढ़ के रूप में काम करने वाले लंबी दूरी के नेटवर्क को वित्त पोषित किया। 1994 में इंटरनेट बैकबोन पर नियंत्रण को निजी क्षेत्र में बदल दिया गया। यह तब से निजी तौर पर संचालित और वित्त पोषित है।

इंटरनेट की गति को किसमें मापा जाता है 

इंटरनेट की स्पीड को बिट्स/सेकंड (bits per second-bps) में मापा जाता है. इससे ज्यादा स्पीड को Kilobits Per Second (kbps), Megabits Per Second (Mbps), Gigabit per second (Gbps) में मापा जाता है. याद रखिये बिट्स और बाइट (byte) में अंतर होता है क्योकि 1 बाइट = 8 बिट.

इंटरनेट कैसे काम करता है-How Internet works in Hindi 

जैसा कि मैंने ऊपर इंटरनेट क्या है में बताया कि इंटरनेट में दुनिया के सारे कंप्यूटर, Servers एक दूसरे से जुड़े हुए है. जुड़ने का मतलब है ये समुद्र के नीचे सबमरीनऑप्टिकल फाइबर केबल से जुड़े है. आप इन cables का जाल यहा देख सकते है. भारत में ये cables 4 शहरो से जुड़े है और इन्ही शहरो से ये पूरे देश में अंडरग्राउंड फैले हुए है और फिर यही केबल आपके jio, bsnl, airtel आदि के मोबाइल टावर से जुड़े होते है और फिर मोबाइल टावर से सिग्नल के जरिये ये आपके मोबाइल में इंटरनेट सेवा देता है और कभी कभी समुद्र में इन cables शार्क नुकसान भी पंहुचा देती है तब इन cables को अब शार्क प्रूफशील्ड से लपेटा जाता है.

और आपको जानकर हैरानी होगी कि संसार के दक्षिण ध्रुव (साउथ पोल) में स्थित अंटार्टिका महाद्वीप किसी अंडरग्राउंड केबल से नहीं जुड़ा है क्योकि यहा पर केवल रिसर्च स्टेशन है और ये स्टेशन satellite से इंटरनेट पर निर्भर रहता है.

अब थोडा टेक्निकल में जाते है, हम जो कंप्यूटर या मोबाइल प्रयोग करते है वो क्लाइंट (client) कहलाते है और कोई भी वेबसाइट होती है वो एक सर्वर के Hard Disk पर अपना डाटा रखती है और हमें उन डाटा को एक्सेस करने की परमिशन नहीं होती है जब तक कि हमारा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर(ISP- इंटरनेट प्रदाता कंपनी) उस पेज को ओपन करने की परमिशन नहीं देता.

मान लीजिये आपने google.com पर जाकर कुछ सर्च करते है तो हमारा क्लाइंट (कंप्यूटर आईएसपी के माध्यम से गूगल के सर्वर (High Processing Computer) से request करेगा कि हमारे क्लाइंट को ये जानकारी चाहिए तो Google का कंप्यूटर, हमारे आईएसपी के माध्यम से हमें बताएगा कि आप इस वेबसाइट पर जाइये आपको रिजल्ट मिल जायेगा और जब आप कोई वेबसाइट सीधे ओपन करते है (बिना Google की मदद से) जैसे jagran.com तो आपका ISP इस वेबसाइट के server कंप्यूटर से request करता है और हमें रिजल्ट दिख जाता है.

इंटरनेट का मालिक कौन है-Owner of Internet

कोई भी वास्तव में इंटरनेट का मालिक नहीं है, और कोई भी व्यक्ति या संगठन इंटरनेट को पूरी तरह से नियंत्रित नहीं करता है. यह नेटवर्क के विकेन्द्रीकृत नेटवर्क (Decentralized network) के रूप में संगठित है। पूरी दुनिया में कई संगठनों जैसे कंपनी, विश्वविद्यालय, प्रकाशक, सोशल मीडिया, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर आदि के आपसी समझौते के कारण इंटरनेट काम करता है। इसलिए कोई भी संगठन इंटरनेट का मालिक नहीं है.

इंटरनेट का इतिहास और विकास– History of Internet in Hindi 

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इंटरनेट का इतिहास
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इंटरनेट का इतिहास जानने से पहले ये जान लेते है कि इंटरनेट की जरुरत क्यों पड़ी? इसके लिए हमें थोडा समय में पीछे जाना पड़ेगा वर्ष 1957 में सोवियत यूनियन ने दुनिया का पहला इंसानों द्वारा बनाया गया Sputnik satellite पृथ्वी की कक्षा में में छोड़ा था और उस समय अमेरिका (U.S.A) सोवियत यूनियन के बीच शीत युद्ध चल रहा था और आप देख सकते है कि सोवियत यूनियन ऐसी चीजो पर काम कर रहा था जो ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं था जबकि अमेरिका के वैज्ञानिक टीवी और कार बनाने में व्यस्त थे.

अमेरिका को डर था कि कही मिसाइल से सोवियत यूनियन कही उनके टेलीफोन लाइन्स को बर्वाद ना कर दे तब जाकर अमेरिका में टेक्नोलॉजी पर और ध्यान दिया और नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA-वर्ष 1958), Advanced Research Projects Agency Network (ARPANET) की स्थापना की ARPANET ही बाद में इंटरनेट का आधार बना.

फिर 1962  में MIT के वैज्ञानिक और प्रोफेसर J.C.R. Licklider ने एक कंप्यूटर नेटवर्क का विचार दिया ताकि टेलीफोन लाइन्स बर्वाद हो जाने पर भी बात हो सके। वर्ष 1969 में University of California और Stanford University के बीच (571 km) दो कंप्यूटर को ARPANET के माध्यम से “LOGINसन्देश भेजा गया Stanford University के कंप्यूटर को केवल “LO” मिला इसके बाद इसमे दो colleges को और जोड़ा गया वर्ष 1969 में ARPANET में तेजी से काम होने लगा.

इसके लिए यूनिवर्सिटी और रिसर्च सेंटर में कंप्यूटर इनस्टॉल करके उन्हें एक दूसरे से जोड़ा गया. इस तरह ARPANET एक wide area network बन गया था जिसमे कुछ गिने चुने कंप्यूटर लम्बी दूरी पर एक दूसरे से जुड़े थे.

1970s में Robert Kahn and Vinton Cerf ने ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) और इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) का विकास किया जो एक communications protocol है और ये तय करता है कि बहुत सारे नेटवर्क्स के बीच डाटा को कैसे भेजना है. Tim Berners-Lee ने WWW का 1989 में आविष्कार किया. आप Internet Timeline से इसके इतिहास के बारे में जान सकते है. 

भारत में इंटरनेट कब आया था?

भारत में इंटरनेट कि शुरुआत Educational Research Network (ERNET) के वर्ष 1986 में हो गयी थी लेकिन केवल बड़े college जैसे कुछ IITs में research कामो के लिए और कुछ सरकारी रिसर्च सेंटर में। 15 August 1995 में पब्लिक के लिए सरकारी कंपनी विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL अब Tata Communications Ltd) द्वारा लांच किया गया था. और इस समय उपभोक्ता को अधिकतम 56 kbit/s स्पीड मिलती थी.

वर्ष 1997 में TRAI (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का गठन हो जाने के बाद TRAI ने 2004 में ब्रॉडबैंड पालिसी टेलिकॉम मंत्रालय को रिपोर्ट सौपी, जिसमे कहा गया कि किसी भी इंटरनेट उपभोक्ता को न्यूनतम download speed 256 kilobits per second (kbps) मिलनी चाहिए.

वर्ष 2004 के बाद से भारत में इंटरनेट का विकास थोड़ी तेजी से हुआ वर्ष 2008 में 3G सेवा सरकारी कंपनी Mahanagar Telephone Nigam Ltd (MTNL) ने और अप्रैल 2012 एयरटेल ने 4G सर्विस शुरू की.

इंटरनेट के लिए मानक तय करने वाला समूह क्या कहलाता है?

इंटरनेट के लिए मानक तय करने वाले तीन प्रमुख समूह है – इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (IETF), वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) और The Internet Corporation for Assigned Names and Numbers (ICANN). 

ये तीनो संगठन और समूह हैं जो इंटरनेट के विभिन्न पहलुओं के लिए मानकों को विकसित और बनाए रखने के लिए काम करते हैं।

The Internet Engineering Task Force (IETF): यह इंजीनियरों और शोधकर्ताओं का एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय है जो इंटरनेट मानकों को विकसित करते और बढ़ावा देते हैं। इस समुदाय ने इंटरनेट में उपयोग किए जाने वाले कई कोर प्रोटोकॉल विकसित किये  हैं, जैसे कि TCP / IP, HTTP, और SMTP।

The World Wide Web Consortium (W3C): यह संगठन वर्ल्ड वाइड वेब के लिए technical specifications और दिशानिर्देशों को विकसित करता है। वे HTML, CSS और वेब सामग्री अभिगम्यता दिशानिर्देश (WCAG) सहित आज उपयोग किए जाने वाले कई वेब मानकों के लिए जिम्मेदार हैं।

The Internet Corporation for Assigned Names and Numbers (ICANN): यह गैर-लाभकारी संगठन डोमेन नाम प्रणाली (DNS) को मैनेज करने के लिए जिम्मेदार है, जो डोमेन नामों को IP एड्रेस में बदलता है। वे आईपी पते के आवंटन और top-level domains के प्रबंधन की भी देखरेख करते हैं

इंटरनेट के प्रकार (Types of the Internet)

1. Dial-up Internet

इस प्रकार के इंटरनेट में उपभोक्ता को टेलीफोन लाइन के द्वारा इंटरनेट चलाता है. ये लगभग हर जगह मिल जाता है। इसमे उपभोक्ता फ़ोन पर बात करना और इंटरनेट चलाना एक साथ दोनों काम नहीं कर सकता है. इसमे इंटरनेट की स्पीड बहुत कम(अधिकतम 56 kbit/s)  होती है.

2. Satellite Internet

इसमे उपभोक्ता को पृथ्वी की कक्षा में घूमते हुए Satellite से कनेक्ट करके इंटरनेट दिया जाता है. इस तरह का इंटरनेट ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्र (Remote area) के लिए ज्यादा उपयुक्त होता है. भारत में इस तरह की सेवा Airtel देता है इसमे आपको अधिकतम 2 Mbps की स्पीड मिलती है. लेकिन स्टारलिंक ब्रॉड बैंड में इसकी अधिकतम स्पीड 150 Mbps है. इसके लिए आप Space X के स्टारलिंक ब्रॉड बैंड के बारे में पढ़ सकते है. जिसकी बुकिंग भारत में शुरू हो गयी है. TATA की सहयोगी कंपनी NELCO भी वर्ष 2024 तक भारत में  Satellite Internet की शुरुआत कर देगी.

3. DSL (Digital Subscriber Line)

इसमे आपको कॉपर वायर के टेलीफोन लाइन के द्वारा इंटरनेट सर्विस मिलती  है. इसमे आपको अधिकतम 100 Mbps तक की स्पीड मिल सकती है. इसमे किसी तरह की नए wire की जरुरत नहीं होती है इसमे आप टेलीफोन का प्रयोग करते समय इंटरनेट भी चला सकते है. टेलीफोन कंपनी से जितना ज्यादा पास आपका घर या ऑफिस होगा उतनी ही अच्छी स्पीड मिलेगी.

4. Mobile internet (2G, 3G, 4G, and 5G)

मोबाइल फ़ोन में वायरलेस इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है. ये वायरलेस  इंटरनेट मोबाइल कंपनियों के टावर से signal लेते है. अलग अलग नेटवर्क की स्पीड भिन्न हो सकती है भारत में इस समय 4G (चौथी पीढ़ी) सेवा चल रही है और और 5G भी वर्ष 2022 में आ जायेगा और 3G तो अब नाम का रह गया है. भारत में इस समय Vodafone Idea (Vi) की स्पीड 13.74 Mbps सबसे ज्यादा है.

5. वायरलेस हॉटस्पॉट (Wireless hotspot)

इस तरह के इंटरनेट हॉटस्पॉट आपको सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे या बस स्टेशन,एयरपोर्ट्स, होटल्स आदि पर मिल जाते है ये फ्री सर्विस भी होते है और ज्यादा उपयोग के लिए फीस भी देनी पड़ सकती है और इस तरह के इन्टनेट का उपयोग करने के लिए आपको अपने Laptop या Mobile का wifi on करना पड़ता है.

6. ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन 

ये रेशे (fiber) के सामान पतले wire होते है जैसे हमारे बाल के सामान पतले और इन बहुत सारे इन रेशो को मिलाकर केबल बनाते है. इसमे आपको 1 Gbps (1000 Mbps) तक की स्पीड मिल सकती है इसमे signal, इलेक्ट्रिसिटी के फॉर्म में नहीं जाती है बल्कि प्रकाश के रूप में जाती है इसीलिये इसे ऑप्टिकल (प्रकाश) फाइबर कहते है. और इसकी स्पीड प्रकाश के स्पीड की लगभग 70 % होती है जिससे ऑप्टिकल फाइबर को ज्यादा स्पीड दे पाता है. इन ऑप्टिकल फाइबर के बारे में मैंने यहा विस्तार से लिखा है. इसे पढने के बाद आपको इंटरनेट से जुडी सारे भ्रम दूर हो जायेंगे. और आपको ये भी समझ आएगा भारत में इंटरनेट कैसे पहुचता है?

इंटरनेट की विशेषताएं |  Internet ki visheshtaen

1. इंटरनेट नेटवर्को का नेटवर्क है.

इंटरनेट बहुत से कंप्यूटरों का नेटवर्क है. जो एक दूसरे के साथ सूचनाओ का आदान प्रदान करते है. इन्ही नेटवर्क के द्वारा आपको घर बैठे दुनिया के किसी भी कोने की खबर मिल जाती है.

2. सूचनाओ का भंडार 

विकिपीडिया जैसे ज्ञान के भंडार को पढने की सुविधा इंटरनेट के द्वारा ही संभव है.

3. किसी भी समय कम्युनिकेशन करने की सुविधा

इंटरनेट के सबसे अच्छे विशेषताओ में से एक है किसी भी समय या तुरंत किसी से बात करने की क्षमता. ईमेल के द्वारा बात करना और जानकारी शेयर करने का तरीका सबसे पुराने तरीको में से एक है. और आज भी इंटरनेट पर मौजूद लगभग सभी लोग इसका यूज करते है. सोशल मीडिया जैसे फेसबुक ट्विटर, व्हात्सप्प आदि भी लोगो को विभिन्न तरीकों से जुड़ने की अनुमति देता है और और कुछ सोशल मीडिया ऑनलाइन ग्रुप या मंच बनाने की सुविधा देता है.

4. सरल और आसानी से सबके लिए उपलब्ध 

आज इंटरनेट एक वैश्विक सेवा है और सभी के लिए आसानी से उपलब्ध है. सुदूर स्थित अफ्रीका का कोई देश हो या फिर महासागरो में कोई द्वीप सभी आसानी से इंटरनेट के द्वारा संसार से जुड़े रहते है.

5. आसानी से सुलभ ग्राहक

इंटरनेट पर बहुत आसानी से आप अपने उत्पाद को बहुत से ग्राहकों के सामने रख सकते है. जैसे आप फ्लिप्कार्ट या अमेज़न पर रजिस्टर करके भारत के करोड़ो ग्राहकों के सामने अपने क्वालिटी प्रोडक्ट को बेचकर अपनी आय बढ़ा सकते है. और इसके लिए आपको अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी नहीं करनी पड़ती है. इसी तरह एफिलिएट मार्केटिंग के जरिये कोई भी किसी थर्ड पार्टी के प्रोडक्ट का प्रमोशन करके आसानी से अपना लाभ कमा सकता है. इंटरनेट की सबसे अच्छी बात यही है कि इंटरनेट आपको ग्राहक आसानी से उपलब्ध करा देता है.

6. रोजमर्रा के काम को आसानी से पूरा करना 

इंटरनेट की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता ये है कि आप घर से अपने दैनिक काम जैसे बिजली बिल, गैस बिल, पानी का बिल, शॉपिंग आदि कर सकते है. सबसे बड़ी चीज यहा सुविधा है. आपको बार बार यहा वहा जाकर काम करने से छुटकारा मिलता है. कोरोना काल के समय इंटरनेट की इसी विशेषता ने लोगो को घर से काम करने की आजादी दी. जिससे Covid lockdown को सख्ती से लागू करने में सहायता मिली. 

7. सस्ती लागत 

इंटरनेट को यूज करना पहले के तुलना में अब बहुत सस्ता है. इसके विकास और रख रखाव का खर्चा भी बहुत कम है.

इंटरनेट और इंट्रानेट में अंतर

इंटरनेट एक ग्लोबल (वैश्विक) नेटवर्क होता है जिसमे बहुत से कंप्यूटर एक दूसरे से कनेक्टेड होते है. जबकि इंट्रानेट में कंप्यूटरों की संख्या सीमित होती है. इंटरनेट, इंट्रानेट की तुलना कम सुरक्षित होता है. इंटरनेट किसी एक कंपनी का नहीं होता है इसमे बहुत से लोगो का स्वामित्व होता है. जबकि इंट्रानेट किसी एक कंपनी के अधीन होता है. इंटरनेट कोई भी यूज कर सकता है जबकि इंट्रानेट केवल वही यूज कर सकता है जो इसके लिए अधिकृत (Authorized) हो.

मोबाइल में इंटरनेट कैसे चलाये

मोबाइल में इंटरनेट चलाने के लिए आपके मोबाइल में 3G या 4G एक्टिवेटिड सिम जैसे जिओ, एयरटेल, बीएसएनएल आदि का होना चाहिए. सिम आप किसी भी उस कंपनी के स्टोर से ले सकते है इसके बाद आपको कोई डाटा प्लान रिचार्ज करना होगा और फिर मोबाइल डाटा शुरू करके आप इंटरनेट से जुड़ सकते है. दूसरा तरीका है आप किसी वाईफाई से जुड़ कर मोबाइल में इंटरनेट चला सकते है.

कंप्यूटर में इंटरनेट कैसे चलाये 

  • इसमे पहला तरीका है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (इंटरनेट प्रदान करने वाली कंपनी) का ब्रॉडबैंड कनेक्शन लेकर. अगर आप शहरी इलाके में रहते है तो आपके पास JIO, Airtel, BSNL अलावा लोकल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का भी विकल्प मिल जायेगा जैसे Tikona,  Spectra, Gigatel, SITI Cable 
  • दूसरा मोबाइल के हॉटस्पॉट के द्वारा या किसी हॉटस्पॉट डिवाइस द्वारा 

इंटरनेट के लाभ और नुकसान

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इंटरनेट के लाभ और नुकसान

इंटरनेट से जुड़े कुछ अनसुने तथ्य

  • Internet world stats पर जाकर आप इंटरनेट से जुड़े आंकड़े देख सकते है जैसे दुनिया की 63 % जनसंख्या इंटरनेट से जुडी है. और भारत की 56 करोड़ आबादी इंटरनेट से जुडी है.
  • Fastmetrics की रिपोर्ट के अनुसार साउथ कोरिया में औसत इंटरनेट की स्पीड ( 26.7 Mbps) सबसे ज्यादा है जबकि भारत की औसत इंटरनेट की स्पीड -2.8 Mbps है. 
  • Internetlivestats के अनुसार गूगल पर हर दिन 350 करोड़ सर्च किये जाते है.
  • August 15, 1995, को जब भारत में इंटरनेट लांच हुआ था तब 5000 रुपये/महीना में 9.6 kbps dial-up connection इंटरनेट मिलता था और अब औसत मूल्य  0.68 USD (50 रुपये) में 1 GB data मिल जाता है.
  • सबसे ज्यादा सस्ता डाटा देने में इजराइल दुनिया में शीर्ष पर है.
  • आज के समय में समुद्र में लगभग 380 अंडरवाटर केबल बिछे है जिसकी लम्बाई 745,645 मील से भी ज्यादा है.
  • Statista की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता (85 crores) चीन में है और दूसरे नंबर पर भारत है.
  • वर्ष 1986 में MS-DOS के लिए पहला वायरस ‘Brain’ पाकिस्तान के दो भाईयो Basit Farooq Alvi और Amjad Farooq Alvi  द्वारा बनाया गया था.
  • दुनिया की पहली वेबसाइट http://info.cern.ch/ अभी भी ऑनलाइन है.

ये भी पढ़े

इंटरनेट की शुरुआत किस देश ने की थी?

इंटरनेट की शुरुआत अमेरिका में हुई थी.

इंटरनेट पर निबंध PDF

इंटरनेट पर निबंध PDF download

निष्कर्ष:इंटरनेट क्या है-What is Internet in Hindi

अब आप समझ गए होंगे कि इंटरनेट क्या है (Internet kya hai in Hindi), इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है (Internet full form in Hindi) और इंटरनेट आप तक कैसे पहुचता है. मैंने यहा पर इंटरनेट से जुडी सारी जानकारी दे दी है ताकि आपको अन्य ब्लॉग पर सर्च न करना पड़े लेकिन इसके अलावा भी कुछ रह गया हो तो आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते है. इंटरनेट की बेसिक जानकारी के लिए आप internet basics केटेगरी को पढ़ सकते है.

और ये पोस्ट Internet kya hai हिंदी में पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करिएगा इससे मुझे और लिखने की प्रेरणा मिलेगी.

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Internet in Hindi FAQs

इंटरनेट का हिंदी में अर्थ क्या है?

इन्टरनेट का हिंदी अर्थ है अंतरजाल. जो दुनिया भर के कंप्यूटर और स्मार्टफोन को जोड़कर डाटा को शेयर करता है.

कंप्यूटर पर इंटरनेट से सूचना पहुंचाने वाले सॉफ्टवेयर का नाम है

कंप्यूटर पर इंटरनेट से सूचना पहुंचाने वाले सॉफ्टवेयर को सर्च इंजन कहते है. जैसे गूगल सर्च, याहू, बिंग आदि

इंटरनेट की परिभाषा क्या है?

इन्टरनेट का पूरा नाम है इंटर कनेक्टेड नेटवर्क. दुनिया के सारे कंप्यूटर, मोबाइल फाइबर केबल या वायरलेस सिग्नल के द्वारा एक दूसरे से कनेक्टेड होते है. और एक बड़ा इंटर कनेक्टेड नेटवर्क बनाते है जिसे हम शार्ट में इंटरनेट कह देते है.

इंटरनेट किसे कहते हैं?

इन्टरनेट दुनिया भर से सारे कंप्यूटरों का एक बड़ा Global Network है जिसके द्वारा सारे computers एक दूसरे को डाटा का आदान प्रदान करते है. ये नेटवर्क ऑप्टिकल फाइबर केबल या वायर लेस सिग्नल से बनता है. इसी के द्वारा हमें सारी जानकारी घर बैठे मिल जाती है. और आप आसानी से ही घर से बिजली बिल आदि जमा कर देते है.

इंटरनेट किस प्रकार कार्य करता है? इसकी प्रति जीबी दर रुपए दर किस प्रकार निर्धारित होती है?

इन्टरनेट में आपका मोबाइल, सिग्नल के द्वारा पास के मोबाइल टावर से जुड़ा होता है. और मोबाइल टावर, अंडर ग्राउंड फाइबर केबल के द्वारा बेस स्टेशन से जुड़े होते है. और बेस स्टेशन दुनिया भर के सारे डाटा सेंटर के सर्वर से जुड़ा होता है. जब भी आप नेट पर कुछ सर्च करते है तो मोबाइल टावर, केबल , बेस स्टेशन और डाटा सेंटर से होते हुए डाटा आपके पास पहुचता है. ये सारा काम कुछ ही मिली सेकंड में हो जाता है.

जो भी डाटा आप इन्टरनेट पर यूज करते है उसकी साइज़ होती है जिसे kb या GB (जीबी) में मापा जाता है. जिस दर पर आपसे इंटरनेट उपयोग के लिए शुल्क लिया जाता है, वह आमतौर पर आपके इंटरनेट सेवा प्रदाता (internet service provider) द्वारा निर्धारित किया जाता है, उस डाटा को आपके मोबाइल तक लाने में टेलिकॉम कंपनी का जो भी खर्चा होता है उसी के हिसाब से प्रति जीबी दर निर्धारित किया जाता है.

इंटरनेट किस प्रकार का नेटवर्क है?

इंटरनेट वाइड एरिया नेटवर्क का बेहतरीन उदाहरण है.

इंटरनेट का पुराना नाम क्या है?

इंटरनेट का पुराना नाम अरपानेट (ARPANET -Advanced Research Projects Agency Network) है. जिसकी शुरुआत अमेरिका में हुई थी.

सर्वप्रथम स्थापित किए गए नेटवर्क का नाम बताइए।

सर्वप्रथम स्थापित किए गए नेटवर्क का नाम अरपानेट है जो 1969 में U.S Defense द्वारा शुरू हुआ था.

 

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