Types of Internet in Hindi: नमस्कार दोस्तों जैसा कि आपने इंटरनेट क्या है के बारे में पढ़ लिया होगा. अब हम इंटरनेट के प्रकार के बारे में जानेंगे. हम अलग अलग तरीको से इंटरनेट से कनेक्ट हो सकते है. सभी तरीको के स्पीड और प्राइस अलग है. कुछ में आपको बहुत कम स्पीड मिलती है तो कुछ में बहुत ज्यादा. ये पोस्ट आपको पढ़कर समझ आ जायेगा कि कौन सा इंटरनेट आपको घर के लिए यूज करना चाहिए. आज के समय में मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, इ- रीडर को इंटरनेट से कनेक्ट करने के बहुत तरीके है. इनमे कुछ ऐसे है जो बहुत ज्यादा यूज होते है.
ऐसे कई कनेक्शन हैं जिनका उपयोग इंटरनेट एक्सेस के लिए किया जा सकता है. सभी कनेक्शनों की अपनी गति सीमा होती है जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों जैसे घर के लिए, या व्यक्तिगत उपयोग के लिए किया जा सकता है. इस लेख में, हम विभिन्न प्रकार के इंटरनेट कनेक्शनों पर चर्चा करेंगे.
वैसे तो मैंने बता दिया है कि इंटरनेट कैसे काम करता है लेकिन फिर भी मै आपको संक्षेप में बता देता हूँ. कंप्यूटर, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर जैसे एयरटेल या जिओ को सिग्नल भेजता है और रिसीव करता है. सिग्नल के लिए हमें मॉडेम की जरुरत होती है. मॉडेम एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो डिजिटल सिग्नल को एनालॉग में और एनालॉग को डिजिटल सिग्नल में बदलता है. हमारे कंप्यूटर में सारे डाटा डिजिटल फॉर्म में होते है और हम डाटा भेजने के लिए जो माध्यम यूज करते है वो एनालॉग फॉर्म में होते है. हम जो माध्यम यूज करते है वो टेली फोन, Coaxial cable, फाइबर केबल आदि हो सकते है. हम मॉडेम को कंप्यूटर और ISP के बीच एक Conversion device के यूज करते है.
इंटरनेट कितने प्रकार के होते हैं?
1. Dial up connection
एक Modem का उपयोग करके आपके कंप्यूटर और ISP सर्वर के बीच एक डायल-अप कनेक्शन स्थापित किया जाता है . डायल-अप कनेक्शन एक सस्ता और पारंपरिक कनेक्शन है जिसे आजकल यूज नहीं किया जाता है क्योंकि इस प्रकार का कनेक्शन बहुत स्लो होता है.
डायल-अप कनेक्शन में internet connection तक पहुंचने के लिए हमें कंप्यूटर पर एक फोन नंबर डायल करना होगा और इसलिए इसके लिए एक टेलीफोन कनेक्शन की आवश्यकता होती है. डायल-अप कनेक्शन स्थापित करने के लिए इसे एक मॉडेम की आवश्यकता होती है, जो आपके कंप्यूटर और टेलीफोन लाइन के बीच हस्तक्षेप का काम करता है.
ये इंटरनेट से कनेक्ट होने का पुराना तरीका है. ये कनेक्शन हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाता है. इस कनेक्शन को यूज करते समय आप या तो केवल कॉल कर सकते है या फिर केवल इंटरनेट. ऑडियो या विडियो कॉल आप Dialup connection से नहीं कर सकते है. और कोई फाइल भी बहुत धीरे धीरे डाउनलोड होती है. इसमे अधिकतम स्पीड 56 kbps होती है. जो कि बहुत ही कम है.
2. Leased Line Connection
ये dedicated Internet communication channel होता है. इस तरह का इंटरनेट कनेक्शन बड़ी कंपनिया लीज या रेंट पर लेती है. और कभी कभी कॉलेज भी ऐसा कनेक्शन यज करते है. ये कस्टमर और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के बीच सर्विस कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होता है. लीज लाइन सबके लिए अलग अलग होती है.
एक ही कनेक्नशन में से ये किसी और को नहीं दे सकते है. जैसे ब्रॉड बैंड में एक ही लाइन में से बहुत यूजर को कनेक्जट कर देते है. लेकिन लीज लाइन में केवल आपको को कनेक्शन मिलेगा. वो किसी और के साथ शेयर नहीं किया जाता है. इसीलिये ये बाकी कनेक्शन से महंगे होते है. Leased Line Connection में हाई स्पीड के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल का यूज किया जाता है.
Leased Line Connection के फायदे और नुकसान क्या है?
3. Broadband Internet Connection
हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन केबल या टेलीफोन कंपनी द्वारा दिया जाता है. ब्रॉड बैंड का पूरा नाम Broad Bandwidth होता है. आपने हाईवे पर टोल देखा होगा वहा पर गाडियों के लिए बहुत से लेन होते है ताकि किसी गाडी को टोल देने के लिए इंतजार ना करना पड़े. ठीक ऐसे ही ब्रॉड बैंड भी डाटा भेजती है. ब्रॉड बैंड इंटरनेट ज्यादा मात्रा में जानकारी भेजने के लिए बहुत से डाटा चैनल का उपयोग करती है.
ब्रॉड बैंड इंटरनेट में 4 माध्यम से इंटरनेट दी जाती है- Fiber-optic, Coaxial cable, Satellite, DSL (Digital Subscriber Line). हाई स्पीड के कारण ब्रॉड बैंड इंटरनेट इस समय सबसे ज्यादा यूज होने वाला इंटरनेट कनेक्शन है. ये कनेक्शन,प्रति व्यक्ति के हिसाब से बहुत सस्ता होता है. ज्यादातर ब्रॉड बैंड इंटरनेट की कीमत 400 रूपये महीने से शुरू होती है.
भारत में इस समय ब्रॉड बैंड इंटरनेट में Fiber-optic और Coaxial cable ज्यादा यूज होता है. आपने Airtel Xstream Fibre, Jio Fibre का नाम सुना होगा. ये फाइबर केबल द्वारा आपको ब्रॉड बैंड इंटरनेट मुहैया कराते है.
4. DSL (डीएसएल)
DSL का मतलब डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन (Digital Subscriber Line) है . यह टेलीफोन लाइन (नेटवर्क) के माध्यम से एक इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करता है. DSL ब्रॉडबैंड संचार का एक रूप है जो हमेशा चालू रहता है, कनेक्ट करने के लिए Phone number डायल करने की कोई आवश्यकता नहीं है. डीएसएल कनेक्शन डेटा के परिवहन के लिए एक Router का उपयोग करता है और इस कनेक्शन की गति दी जाने वाली सेवा के आधार पर 128k से 8Mbps के बीच होती है.
डेटा के लिए high-frequency bands के कारण एक ही टेलीफोन लाइन पर वायर्ड टेलीफोन सेवा के साथ डीएसएल सेवा एक साथ वितरित की जा सकती है. डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है.
a. Asymmetrical Digital Subscriber Line (ADSL)
मुख्य रूप से आवासीय ग्राहकों द्वारा उपयोग किया जाता है, जैसे कि इंटरनेट सर्फर, जो बहुत अधिक डेटा लेते हैं लेकिन ज्यादा नहीं भेजते हैं. ADSL आमतौर पर अपस्ट्रीम दिशा (Upload) की तुलना में डाउनस्ट्रीम दिशा (Download) में तेज गति प्रदान करता है. ADSL उसी लाइन पर नियमित टेलीफोन कॉल को बाधित किए बिना तेजी से डाउनस्ट्रीम डेटा ट्रांसमिशन की अनुमति देता है, जिसका उपयोग वॉयस सेवा प्रदान करने के लिए किया जाता है. यह Residential customers की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बैंडविड्थ को असमान रूप से बाँट देता है. जैसा कि हम जानते हैं कि व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उच्च बैंडविड्थ की आवश्यकता होती है, इसलिए यह उनके लिए उपयुक्त नहीं है.
b. Symmetrical Digital Subscriber Line (SDSL)
आमतौर पर कम्पनीज द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सेवाओं के लिए उपयोग किया जाता है, जिन्हें अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों में महत्वपूर्ण बैंडविड्थ की आवश्यकता होती है. ये सिंगल लाइन पर डेटा ट्रांसफर को सक्षम बनाती है और अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम पर सिमेट्रिक या समान बैंडविड्थ की अनुमति देती है.
5. ISDN (Integrated service digital network):
ISDN डायल अप की तुलना में ज्यादा बेहतर और महंगा होता है. इसमे आप एक साथ कंप्यूटर, फैक्स मशीन या टेली फोन लाइन को एक ISDN से कनेक्ट कर सकते है. ISDN इन डिवाइस को कनेक्ट करने के लिए मॉडेम का यूज करता है. आप इसमे एक साथ फाइल भी भेज सकते है, फोन पर बात भी कर सकते है.
6. Wireless or Wi-Fi:
आज के समय में Wireless connection बहुत ही ज्यादा पॉपुलर है. रेलवे स्टेशन और पब्लिक प्लेस पर ऐसे कनेक्शन आपको मिल जायेंगे. ऐसे कनेक्शन में किसी भी केबल या वायर का यूज नहीं होता है. इसमे इंटरनेट की सुविधा रेडियो सिग्नल द्वारा दिया जाता है. इन सिग्नल की रेंज कम होती है इसलिए ये ज्यादा बड़े एरिया में यूज नहीं होते है. इसमे आप बहुत से डिवाइस एक समय एक साथ कनेक्ट कर सकते है. लेकिन Wi-Fi, ब्रॉड बैंड के अपेक्षा कम सिक्योर होता है. वाई फाई वायरलेस तकनीक IEEE 802.11 मानकों पर आधारित है जो इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को अनुमति देता है.
7. Cellular Internet Connection
इसमे 3G (3rd generation) और 4G (4th generation) नेटवर्क का यूज होता है. और जल्द ही 5G भी आ जायेगा. technologiesमोबाइल फ़ोन में रेडियो सिग्नल का प्रयोग किया जाता है.आपके मोबाइल से सिग्नल मोबाइल टावर में भेजे जाते है. और मोबाइल इंटरनेट से जुड़ जाता है. अलग अलग नेटवर्क की स्पीड भिन्न हो सकती है. भारत में इस समय 4G (चौथी पीढ़ी) सेवा चल रही है और और मुकेश अम्बानी के अनुसार 5G भी वर्ष 2021 में आ जायेगा और 3G तो अब नाम का रह गया है. भारत में इस समय Vodafone Idea (Vi) की स्पीड 13.74 Mbps सबसे ज्यादा है.
8. Satellite Internet Connection
वायरलेस कनेक्शन की तरह इसमे भी मॉडेम की जरुरत होती है. Satellite Internet कनेक्शन में उपभोक्ता को पृथ्वी की कक्षा में घूमते हुए Satellite से कनेक्ट करके इंटरनेट दिया जाता है. Satellite Internet की पहुँच पृथ्वी पर हर जगह होती है. इस तरह का इंटरनेट पहाड़ी, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्र (Remote area) के लिए ज्यादा यूज होता है. क्योंकि ऐसे क्षेत्रो में मोबाइल या केबल इंटरनेट की पहुँच बहुत कम होती है.
भारत में इस तरह की सेवा Airtel देता है. TATA की सहयोगी कंपनी NELCO भी वर्ष 2024 तक भारत में Satellite Internet की शुरुआत कर देगी. स्टारलिंक ब्रॉड बैंड में इसकी अधिकतम स्पीड 150 Mbps है. इसके लिए आप Space X के स्टारलिंक ब्रॉड बैंड के बारे में पढ़ सकते है.
9. Cable Internet Connection
यह ब्रॉडबैंड एक्सेस केबल मॉडम का एक रूप है जो इंटरनेट तक बेहद तेजी से पहुंच प्रदान कर सकता है. इसकी Connection speed भिन्न होती है जो डेटा ट्रांसमिशन या डाउनलोडिंग अपलोड करने के लिए अलग हो सकती है.
- केबल ऑपरेटर द्वारा प्रदान की जाने वाली इस सेवा तक पहुँचने के लिए एक Cable modem का उपयोग किया जाता है.
- केबल मॉडम में दो कनेक्शन होते हैं: एक इंटरनेट सेवा के लिए और दूसरा केबल टीवी सिग्नल के लिए
- चूंकि केबल टीवी इंटरनेट कनेक्शन बहुत से ग्राहकों के साथ Bandwidth की एक निर्धारित मात्रा शेयर करते हैं, इसलिए Data transfer rate एक ही समय में इंटरनेट का उपयोग करने वाले ग्राहक भी संख्या पर निर्भर करती है.
- केबल कनेक्शन की गति 512k से 20Mbps तक होती है.
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ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट इंटरनेट मुख्य रूप से 7 प्रकार के होते है- 1.Dial-up connection 2. Leased Line Connection 3. Broadband Internet 4. ISDN 5. Wireless Internet 6. Cellular Internet 7. Satellite Internet Connection, 8. DSL ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सबसे तेज स्पीड देता है. आज कल ब्रॉड बैंड में ऑप्टिकल फाइबर केबल यूज होने लगे है. घर के लिए सबसे अच्छा ब्रॉडबैंड इंटरनेट होता है. इसमे अब जिओ फाइबर जैसे प्लान भी आने लगे है. Airtel, BSNL, Reliance Jio, Vodafone IdeaInternet Ke Prakar FAQs
कौन सा इंटरनेट कनेक्शन सबसे अच्छा होता है?
इंटरनेट कितने प्रकार के होते है?
कौन सा इंटरनेट कनेक्शन सबसे तेज स्पीड देता है?
घर के लिए सबसे अच्छा इंटरनेट कौन सा होता है?
भारत के कुछ प्रमुख इंटरनेट प्रदाता कंपनी (ISP) कौन कौन हैं?
निष्कर्ष:इंटरनेट के प्रकार इन हिंदी
मुझे यकीं है दोस्तों आपको इंटरनेट के प्रकार (Types of Internet in Hindi) के बारे में अच्छे से समझ आ गया होगा. इस समय सबसे ज्यादा मोबाइल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड इंटरनेट और वायरलेस इंटरनेट यूज होता है. वैसे तो मैंने इंटरनेट के प्रकार के बारे में आसान भाषा में सारी बाते बता दी है लेकिन फिर भी इस पोस्ट में कोई भी दिक्कत हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते है.
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